भारत में दिन तो अमेरिका में रात कैसे होती है? | जब पृथ्वी घूमती है तो हमें महसूस क्यों नहीं होता?

दोस्तों आप में से बहुत से लोग सोचते होंगे कि जब भारत में दिन होता है तो अमेरिका में रात ऐसा क्यों होता है तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते है जो कैंडिडेट इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.

भारत में दिन तो अमेरिका में रात कैसे होती है?

क्या आपको पता है कि दिन और रात क्यों होते हैं? ऐसे इसीलिए क्युकी हमारी पृथ्वी अंतरिक्ष पर हवा में लटके हुए फुटबॉल की तरह नजर आती है और हम पृथ्वी के ऊपर रहते हैं आप सभी लोग यह जानते होंगे कि हमारी पृथ्वी सौरमंडल का एक छोटा सा हिस्सा है इस सौर मंडल में हमारी पृथ्वी जैसे आठ अन्य ग्रह भी मौजूद हैं इन सबके अलावा सौर मंडल में उपग्रह, धूमकेतु, उल्कापिंड और सूर्य भी शामिल है ये तो सिर्फ हमारे सौर मंडल की बात है ऐसे न जाने कितने सारे सोलर सिस्टम आकाशगंगा में मौजूद होंगे.

सौरमंडल के बीचो-बीच हमारा सूर्य मौजूद है जहाँ सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं ठीक उसी तरह हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती रहती है पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में पूरे 1 साल का समय लगता है सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने के साथ-साथ अपने अक्ष पर चारों ओर घूमती रहती है पृथ्वी के इसी रोटेशन के कारण ये दिन और रात होते हैं जहाँ पृथ्वी के आधे हिस्से में हमेशा दिन होता है तो वहीं आधा हिस्सा ऐसा है जहाँ हमेशा रात होती है यानी कि पृथ्वी के केवल आधे हिस्से पर ही सूरज का प्रकाश पहुँच पाता है और पृथ्वी के जिस हिस्से पर सूरज का प्रकाश पहुंचता है वो हिस्सा दिन कहलाता है और जहाँ पर प्रकाश नहीं पहुँच पाता वो हिस्सा रात कहा जाता है.

अगर हम मैप में अपनी पृथ्वी को देखे तो एक तरफ भारत मौजूद है और भारत के जस्ट अपोज़िट अमेरिका मौजूद हैं ऐसे में जब हमारा देश भारत है सूरज की रोशनी के उल्टे साइड में होता है तो हमारे यहाँ अंधेरा होता है और जिस समय हमारे यहाँ अंधेरा होता है ठीक उसी समय अमेरिका वाला जो हिस्सा है वो सूरज की रोशनी के सीधे वाले साइड में होता है जिसकी वजह से सूर्य का प्रकाश अमेरिका और उसके आसपास के देशों में पड़ता है इसलिए वहाँ पर दिन होता है जैसे- इस समय अमेरिका में रोशनी पहुँच पा रही है

इसलिए वहाँ पर दिन है लेकिन जैसे-जैसे पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर घूमती/रोटेट करती है तो हमारी पृथ्वी भी धीरे धीरे सूरज की रोशनी के संपर्क में आने लगती है और जब सूरज की रोशनी डायरेक्टर पृथ्वी पर पड़ती है तो हमारे यहाँ दिन होता है पृथ्वी उसी समय अमेरिका के पीछे वाले हिस्से में पहुँच जाता है इसलिए वहाँ पर रात हो जाती है ये पूरा प्रोसेस बहुत धीमे होता है इसी वजह से सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच में हल्की हल्की रोशनी नजर आने लगती है लेकिन 6 बजे के बाद अच्छे से सवेरा हो जाता है तो ठीक इसी प्रकार 6 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक धीरे-धीरे सूरज की रोशनी घटने लगती है और अंधेरा होता रहता है ये सब कुछ धीरे-धीरे इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती रहती है.

ये बात आप भी जानते है कि ब्रह्मांड में हो रही हर चीज़ एक नियम के अनुसार चलती है जिससे किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो इसी वजह से जब भारत में दिन होने लगता है तो अमेरिका में शाम होनी शुरू हो जाती है और जब भारत में दोपहर होती है तो अमेरिका में आधी रात हो जाती है ये सब कुछ अपोज़िट चलता है क्योंकि अमेरिका हमसे ठीक अपोज़िट में मौजूद है अगर हम अपने आसपास के देशों को देखे जो हमारे पड़ोसी देश है उनके और हमारे समय में ज्यादा फर्क नहीं है क्योंकि कुछ देश पहले सूरज के संपर्क में आते हैं तो कुछ बाद में और ऐसा होने में ज्यादा से ज्यादा 1-2 घंटे का फर्क आता है लेकिन अमेरिका हमसे डायरेक्ट ऑपोजिट है इसलिए जब यहाँ दिन होता है तो यहाँ रात होती है और जब यहाँ रात होती है तो यहाँ दिन होता है अगर सिंपल वर्ड में कहा जाए तो यह सब कुछ पृथ्वी के घूमने के कारण होता है लेकिन ज्यादातर लोग सोचने लगते हैं कि सूरज पूरब से निकला और पश्चिम को डूबेगा, लेकिन नही सूरज अपनी जगह पर ही रहता है हमारी पृथ्वी ही अपने अक्ष पर घूमती रहती है.

जब पृथ्वी घूमती है तो हमें महसूस क्यों नहीं होता?

इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं जिस तरह से चलती हुई ट्रेन के अंदर हम लोग रहते हैं और अंदर बैठे व्यक्ति या वस्तु को देखते रहते हैं तो हर कोई स्थिर नजर आता है क्योंकि हमारे साथ मौजूद सभी वस्तुओं और व्यक्तियों के अलावा ट्रेन भी चलती रहती है इसी तरह हमारी पृथ्वी के साथ सभी वस्तु व्यक्ति और हमारा घर हर एक चीज़ लगातार घूमती रहती है जिसे महसूस नहीं कर पाते और पृथ्वी के घूमने की स्पीड इतनी कम होती है कि इसे महसूस कर पाना लगभग नामुमकिन है और जब हम ट्रेन से खिड़की के बाहर देखते हैं

तो हमें ऐसा लगता है कि सभी चीजें पीछे की तरफ जा रही है जबकि हमारी ट्रेन आगे की ओर बढ़ रही होती है उसी तरह जब हम सूरज को देखते हैं तो हमें ऐसा लगता है सूरज निकल रहा है और डूब रहा है लेकिन सूरज अपनी जगह पर ही होता है हमारी पृथ्वी अपनी जगह पर घूमा करती है जिसकी कारण से दिन और रात होते  हैं जितनी रफ्तार से पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर होती है उतनी रफ्तार से अगर आप पूरब से पश्चिम की ओर चलते जाए तो अगर सूरज की दिशा में आप है तो हर वक्त सूरज की दिशा में ही रहेंगे, 24 घंटे में पृथ्वी एक चक्कर लगाएगी तो आप भी पृथ्वी का एक चक्कर लगा चूके होंगे.

दोस्तों उम्मीद है आपको सारी बातें अच्छे से समझ में आ गयी होंगी कि आखिर क्या कारण है कि जब भारत में दिन तो अमेरिका में रात होती हैं.

इसे भी पढ़ें?

अग्निपथ योजना को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा

Alien Mysteries – China ने क्यों बोला ‘कोई मिल गया’

इन आठ सालों में मोदी सरकार ने कैसे रेलवे की कायापलट कर दी?

भारत में क्यों बढ़ रहे हैं दहेज के मामले 

Leave a Comment